बनारस न्यूज डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयातित सामानों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का फैसला किया है, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो जाएगा। पहला 25 प्रतिशत टैरिफ सात अगस्त से लागू हो चुका है, जबकि अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ 27 अगस्त से प्रभावी होगा। इस कदम का सबसे बड़ा असर पूर्वांचल के कारोबार पर पड़ा है, जहां करीब 3,000 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हुआ है। भदोही और मिर्जापुर से कालीन और बनारस से भारी मात्रा में हैंडीक्राफ्ट अमेरिका भेजे जाते हैं, लेकिन नए टैरिफ के कारण व्यापार में भारी गिरावट आई है और नए ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं।
व्यापारियों के अनुसार, पूर्वांचल का अमेरिका के साथ लगभग 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये का कारोबार होता था, जिसमें बनारस की साड़ियां, सिल्क जरी के कपड़े, हैंडीक्राफ्ट, लकड़ी के सजावटी सामान और भदोही- मिर्जापुर के हैंडमेड कालीन शामिल हैं। टैरिफ बढ़ने से इन उत्पादों की मांग घटेगी, जिससे कारीगरों की आमदनी पर भी असर पड़ेगा। इसके साथ ही अमेरिकी बाजार में ये सामान महंगे हो जाएंगे, जिससे वहां के ग्राहक सस्ते विकल्प जैसे बांग्लादेश, वियतनाम और चीन के उत्पाद खरीदना पसंद करेंगे, जिससे भारत को आर्थिक नुकसान हो सकता है।
बनारस के कारोबारी शैलेश प्रताप सिंह ने बताया कि अमेरिका में काशी के शिल्प उत्पादों की मांग काफी है और इससे स्थानीय कुटीर उद्योग को बढ़ावा मिला है, लेकिन टैरिफ लगने से ऑर्डर कम हो रहे हैं, जिससे शिल्पकारों को नुकसान होगा। लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने कहा कि टैरिफ ने छोटे उद्योगों को खासा प्रभावित किया है और इससे एक्सपोर्ट में गिरावट आएगी, जिससे रोजगार और उत्पादन दोनों घटेंगे। उन्होंने बताया कि इससे अमेरिका को भी नुकसान होगा क्योंकि वहां के ग्राहक महंगे सामान खरीदेंगे।
वाराणसी वस्त्र एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री राजन बहल ने बताया कि अमेरिका बनारस के हैंडीक्राफ्ट और प्योर बनारसी साड़ियों का बड़ा निर्यातक रहा है। ट्रंप के टैरिफ लगाने से फंसे हुए ऑर्डर निकले हैं, लेकिन भविष्य में ऑर्डर कम होने से व्यापार को बड़ा झटका लगेगा। अमेरिका में सस्ते विकल्पों के कारण बांग्लादेश बनारस के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा करेगा, जिससे बाजार प्रभावित होगा। बनारस के लगभग 20 लाख से अधिक कामगार इस उद्योग से जुड़े हैं, जिन पर इसका गहरा असर पड़ेगा।
ऑल इंडिया कॉरपोरेट संगठन के पूर्व अध्यक्ष रवि पाटोदिया के अनुसार, ट्रंप के टैरिफ ने बनारसी कपड़ों के साथ-साथ कालीन उद्योग को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। कालीन उद्योग का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित हुआ है। टर्की, जो भारत का बड़ा प्रतिस्पर्धी है, वहां मामूली टैरिफ होने के कारण अमेरिकी ग्राहक वहां के कालीन खरीदना पसंद करेंगे। इससे भारत के टोफ्टेड, हैंड नॉटेड कालीन, दरी, मफलर और अन्य उत्पादों का करीब 3,000 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होगा।